नालंदा परिसर निर्माण के लिए नगर निगम और एनटीपीसी के बीच 42.56 करोड़ के एमओए पर हुआ हस्ताक्षर,हजारों किताबों का होगा संग्रह

नालंदा परिसर रायगढ़ शहर को एजुकेशन हब बनाने में साबित होगी मील का पत्थर: वित्त मंत्री ओपी चौधरी

वित्त मंत्री चौधरी ने कहा ज्ञान आधारित समाज निर्माण में नालंदा परिसर की होगी अहम भूमिका

सर्व सुविधायुक्त होगी नालंदा परिसर लाइब्रेरी, 24/7 स्टडी जोन में एक साथ पढ़ सकेंगे 500 से अधिक बच्चे, हजारों किताबों का होगा संग्रह

रायपुर: वित्तमंत्री ओपी चौधरी की उपस्थिति में रायगढ़ में नालंदा परिसर के निर्माण के लिए रायगढ़ नगर निगम और एनटीपीसी के बीच 42.56 करोड़ के मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया गया। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि यह नालंदा परिसर हमारी नयी पीढ़ी के विकास और रायगढ़ को एजुकेशन हब बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। वित्तमंत्री चौधरी ने कहा कि रायगढ़ को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाना हम सबका सपना है, जिसमें आने वाली पीढ़ी का सक्रिय योगदान होगा और नालंदा परिसर इसके लिए मजबूत बुनियाद तैयार करने का कार्य करेगा। एनटीपीसी के सहयोग से नालंदा परिसर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए टेंडर की स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने ज्ञान आधारित समाज के निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि आने वाला समय ज्ञान पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि 1991 में भारत 266 बिलियन डॉलर से आज 2024 में 3 हजार 700 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनी है, आगे इसका आकार और तेजी से बढ़ेगा। अर्थव्यवस्था के मजबूत होने से देश में सभी वर्गों को इसका लाभ मिलता है, लेकिन जो समय के साथ ज्ञान अर्जन कर खुद को तैयार करते हैं, उन्हें इसका अधिक लाभ मिलता है।

ऐसे आया नालंदा परिसर बनाने का विचार

मंत्री ओ पी चौधरी ने बताया कि जब वे 12 वीं पास कर के आगे की पढ़ाई के लिए भिलाई गए तो वहां मेडिकल और इंजीनियरिंग आईआईटी की तैयारी के लिए बहुत अच्छा माहौल था लेकिन सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए कोई माहौल नहीं था। वहां के बड़े बुक स्टोर्स में भी सिविल सर्विस के किताबों की किल्लत होती थी। गिनती की पुस्तकें मिलती थी। यहां तक की रायपुर में भी ढंग की बुक्स नहीं मिल पाती थी, फिर किताबें ढूंढने दिल्ली गया। वहां एक ही बुक डिपो में सारी किताबें मिल गई। जिससे एहसास हुआ कि यह एक बड़ा अंतर है कि सही किताबें और सही माहौल नहीं मिलने से हमारे प्रदेश में लोग सिविल सर्विस में सलेक्ट नहीं हो पाते हैं। इसके लिए जब वे कलेक्टर बने तो रायपुर में नालंदा परिसर की सोच को साकार किया। जिसका लाभ उठाकर आज सैकड़ों युवा सफलता के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।

नवोदय में मिली असफलता से दूसरों के लिए बेहतर करने की सीख मिली

वित्तमंत्री चौधरी ने कहा कि मैं नवोदय की प्रतियोगी परीक्षा में चयनित नहीं हो पाया था। उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाया तो तैयारी सही नहीं थी। आगे जब इस बारे में सोचा तो मेरा लगा कि जीवन में जिस कठिनाई का सामना किए हैं सक्षम होने पर उसका समाधान दूसरों के लिए खोजना चाहिए। दंतेवाड़ा में नन्हे परिंदें प्रोजेक्ट शुरू किया। यहां दूर दराज के बेहद गरीब परिवार और नक्सल प्रभावित परिवारों से बच्चे को सलेक्ट कर लाते थे। उनकी 5 वीं की तैयारी कर नवोदय और सैनिक स्कूल की तैयारी करवाया जाता था। आज कई बच्चे वहां से पढ़कर अपने जीवन में काफी अच्छा कर रहे हैं।

3 करोड़ से अधिक के 7 बीटी सड़क निर्माण का हुआ भूमिपूजन

वित्त मंत्री चौधरी ने इसके साथ ही 3 करोड़ 1 लाख 96 हजार रुपये की लागत से 7 बीटी सड़क निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। जिसमें 34 लाख 97 हजार रूपये की लागत से अधोसंरचना मद से वार्ड क्रमांक 18 एवं 19 में तुलसी होटल से गांधी प्रतिमा एवं मालधक्का रोड तक बीटी रोड निर्माण कार्य, 15 लाख 32 हजार रूपये की लागत से 15 वें वित्त से वार्ड क्रमांक 18 पोस्ट ऑफिस के पीछे ओम मोबाईल से सांसद निवास तक बीटी सड़क निर्माण कार्य, 45 लाख 58 हजार रुपये की लागत से अधोसंरचना मद से वार्ड क्रमांक 21 बेलादुला स्कूल से पीपल पेड़ तक बीटी रोड़ निर्माण कार्य, 30 लाख रुपये की लागत से अधोसंरचना मद से वार्ड क्रमांक 27 गुरूद्रोण स्कूल से शिशुपाल घर तक बीटी रोड निर्माण कार्य, 49 लाख 33 हजार रुपये की लागत से अधोसंरचना मद से वार्ड क्रमांक 46 उर्दना में मेन रोड से 6 वीं बटालियन ऑफिस तक बीटी सड़क निर्माण कार्य, 35 लाख रुपये की लागत से अधोसंरचना मद से वार्ड क्रमांक 8 एवं 9 रियापारा चौक से संबरी स्प्रे पेंटिंग शॉप चांदमारी (रामपुर मेन रोड) तक बीटी रोड निर्माण कार्य तथा 88 लाख 76 हजार रुपये की लागत से 15 वें वित्त से वार्ड क्रमांक 26 एवं 27 जियो मार्ट के सामने से हाऊसिंग बोर्ड बिल्डिंग तक अतरमुड़ा रोड में बीटी सड़क निर्माण कार्य शामिल है।

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