
मध्यप्रदेश महाराष्ट्र अंतर्राज्यीय नियंत्रण मंडल” की 28वीं बैठक संपन्न
भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि “तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना” विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंडवॉटर रीचार्ज परियोजना है। यह एक अनूठी परियोजना है जो पूरे विश्व में भूजल पुनर्भरण का नया अध्याय लिखेगी। इससे प्रदेश के बड़े क्षेत्र विशेष रूप से निमाड़ का भूजल स्तर बढ़ेगा और यह वहां के लिए जीवन दायिनी सिद्ध होगी। इससे मध्य प्रदेश के लगभग 01 लाख 23 हजार तथा महाराष्ट्र के 2 लाख 37 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा विकसित होगी। यह सौभाग्य का विषय है कि आज महाराष्ट्र सरकार के साथ इस परियोजना के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने “तापी बेसिन मेगा रीचार्ज” परियोजना के एम.ओ.यू पर हस्ताक्षर किए। इसके पहले मंत्रालय वल्लभ भवन में “मध्यप्रदेश महाराष्ट्र अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल” की 28वीं बैठक में “ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज” परियोजना सहित दोनों राज्यों की अन्य सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में चर्चा हुई और निर्णय लिए गए।

मंत्रालय वल्लभ भवन में संपन्न”मध्य प्रदेश महाराष्ट्र अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल” की बैठक में “ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज” परियोजना के एम ओ यू पर हस्ताक्षर की सहमति बनी। इसी के साथ बैठक में बाणगंगा नदी पर डांगुरली बैराज का निर्माण, बाघ नदी पर वियर का निर्माण और लावाघोघरी – तोतलाडोह जल विनिमय योजना पर भी चर्चा की गई, जिन पर दोनों राज्यों के बीच सैद्धांतिक सहमति बनी।
