महिला को जिंदा जलाकर मारने वाले पति, देवर और ससुर को उम्रकैद की सजा, तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी की अदालत में फैसला

दुर्ग: न्यायालय ने पत्नी को जिंदा जलाने वाले पति, उसके भाइयों और पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी की अदालत ने आरोपियों पर 2-2 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।जानकारी के अनुसार 9 साल पहले मठपारा जामुल निवासी इंद्रजीत दुबे के साथ रंजीता दुबे की शादी हुई थी। दोनों को 2 बच्चे भी थे। 31 अगस्त 2021 की रात को रंजीता घर में जली हुई हालत में मिली। उसके पति इंद्रजीत ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान रंजीता की हालत काफी गंभीर थी। इसलिए डॉक्टरों ने उसे रायपुर मेकाहारा रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान 8 सितंबर की रात रंजीता दुबे की मौत हो गई। मरने से पहले 2 सितंबर 2021 को रंजीता दुबे ने पुलिस को अपना बयान दर्ज कराया था। उसने अपने बयान में बताया था कि, उसका पति इंद्रजीत दुबे आदतन शराबी है। वो हमेशा उसके साथ मारपीट कर शराब पीने के लिए रुपए मांगता था।

घटना के दिन भी ऐसा ही हुआ रंजीता ने बताया था कि, झगड़े की आवाज सुनकर उसके ससुर योगेश दुबे, जेठ भूपेंद्र दुबे, देवर फनेंद्र दुबे भी पहुंच गए। उसने अपने ससुर, जेठ और देवर से बचाने की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने कोई बचाव नहीं किया। उनके सामने ही इंद्रजीत उसे पीटता रहा। इसके बाद वो कमरे के अंदर से मिट्टी-तेल की गैलन लेकर आया और उस पर डालकर माचिस मार दी। इससे वो बुरी तरह जल गई। इस दौरान किसी ने भी उसे बचाने का प्रयास नहीं किया।

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