झारखण्ड में फल फूल रहा अवैध क्लिनिक का धंधा, झोलाछाप डॉक्टरों के पास है हर बीमारी का इलाज, लोगों की जान से कर रहे हैं खिलवाड़…

बोकारो: जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के दर्जनों गांवों में झाेलाछाप डॉक्टर, दर्जनों मेडिकल व क्लिनिक अवैध तरीके से संचालित हो रहे है। जो इन गांवों की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। जिला मुख्यालय से लगभग सैकड़ों किलोमीटर दूर सीमावर्ती गांव में चतरा विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में अवैध क्लिनिक चल रहे है। यहां पर मेडिकल स्टोरों पर ही झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे है। इन गांवों की भोली भाली जनता के बीच ऐसा भ्रम पैदा किया हुआ है कि सरकारी अस्पताल की बजाय यहां पर पहुंचकर महंगे दामों में इलाज करवा रहे है।सब आँखों के सामने है लेकिन इसके बावजूद इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। यहां पर स्थानीय सहित बाहरी राज्यों के प्रेक्टिसनर भी दुकानें खोलकर सालों से यहीं जमे हुए है। सीमावर्ती गांवों में मेडिकल स्टोर की आड़ में अवैध तरीके प्रेक्टिस भी की जा रही है। लोगों से मोटी फीस वसूलकर झोलाछाप डॉक्टर मेडिकल स्टोर के पीछे अलग से जगह बनाकर मरीजों का इलाज करते है। सामान्य बुखार सहित अन्य बीमारी पर भी हजारों रुपए की दवाइयां दे दी जाती है। कई बार अज्ञानता के कारण हाई डोज की वजह से तबीयत ज्यादा खराब हो जाती है। इसके बाद परिजन मरीज को लेकर जिला अस्पताल की तरफ भागते है।

ऐसा ही मयूरहंड प्रखंड अंतर्गत पंचायत करमा चौक के आसपास गली-मोहल्लों गांव और शहर की पाश कालोनियों में बुखार उल्टी-दस्त मलेरिया दाद-खाज और खुजली के अलावा सांस के गंभीर मरीजों का इलाज झोलाछाप कर रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टर भोले-भाले लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कुछ स्वास्थ्यकर्मियों की मिलीभगत से झोलाछापों ने हॉस्पिटल तक खोल रखे हैं। जिले में अनुमानित पांच हजार से अधिक झोलाछाप डॉक्टर हैं. मयूरहंड देशभर में खासकर गांवों में बिना जरूरी डिग्री वाले डॉक्टरों की भरमार है। कोई तीन-चार साल तक मेडिकल स्टोर पर काम करने के बाद डॉक्टर बन जा रहा है, तो किसी के पूर्वज इलाज करते आ रहे हैं। ये लोग मरीजों को दर्द निवारक दवाएं व इंजेक्शन की बदौलत तुरंत आराम तो दिला देते लेकिन इसका दुष्प्रभाव मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। ये झोलाछाप डॉक्टर (वे डॉक्टर जो न तो पंजीकृत हैं और न ही उनके पास उचित डिग्री है) नकली दवाओं के साथ इलाज कर मरीजों के जान से खिलवाड़ कर रहे है। जब इनके ऊपर कार्रवाई की बात कही जाती है तब अपना रसूख दिखाकर नियम की धज्जियाँ उड़ाते है।

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