महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को जारी होंगे। इससे पहले ही सत्ताधारी महायुति गठबंधन और विपक्षी महा विकास आघाड़ी (MVA) दोनों ने ही सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
हालांकि, एग्जिट पोल ने भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन की जीत का अनुमान लगाया है। हालांकि, एमवीए इस अनुमान को झुठलाते हुए सरकार बनाने का दावा कर रही है। सूत्रों के अनुसार, महायुति में शामिल दलों ने विधायक को एकत्रित करने के लिए हेलीकॉप्टर और होटल बुक किए हैं। उन्हें इस बात का डर है कि अगर लड़ाई बरारबर की होती है तो उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा सकती है।
आपको बता दें कि इस चुनाव में स्वतंत्र और बागी उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि हुई है। अगर ऐसे कैंडिडेट चुनाव जीतने में सफल होते हैं तो दोनों ही गठबंधन उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश करेगा। महायुति के तीनों दलों ने स्वतंत्र और बागी उम्मीदवारों से संपर्क किया है।यदि 145 सीटों का आंकड़ा नहीं मिलता है तो वे अपनी संख्या बढ़ाने के लिए उनकी मदद मांग सकते हैं।
भाजपा को बहुमत का भरोसा
महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, “मुझे लगता है कि हम बहुमत से अधिक सीटें जीतेंगे। हमारे पास अब 105 विधायक हैं और इस बार हम और सीटें जीतेंगे। एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। हम तीनों मिलकर बहुमत से ज्यादा सीटें जीतेंगे।” उन्होंने कहा, “अगर स्वतंत्र विधायकों की जरूरत नहीं भी पड़ी तो हम उन्हें साथ लेंगे। स्वतंत्र हमेशा अपने क्षेत्र के विकास के लिए सरकार का समर्थन करने के लिए तैयार रहते हैं।”
एमवीए के सामने दोहरी चुनौती
वहीं, एमवीए को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें पर्याप्त सीटें जीतने के साथ-साथ भाजपा की संभावित ‘ऑपरेशन लोटस’ रणनीति का भी मुकाबला करना होगा। अगर एमवीए को बहुमत नहीं मिलता है तो उसे अपने विधायकों को बचाने के लिए भी कोशिश करना होगा। यही कारण है कि एमवीए के वरिष्ठ नेताओं ने मुंबई में बैठक की और विभिन्न परिदृश्यों पर चर्चा की। इस दौरान हंग असेंबली पर भी चर्चा हुई।
गुरुवार शाम को एमवीए के तीन नेताओं (कांग्रेस के बाला साहेब थोराट, राकांपा (SP) के जयंत पाटिल और शिवसेना (UBT) के संजय राउत) ने मुंबई के एक होटल में दो घंटे से अधिक समय तक बैठक की। इसके बाद उन्होंने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और राकांपा (SP) अध्यक्ष शरद पवार से अलग-अलग मुलाकात की।
थोराट ने कहा कि MVA को अगली सरकार बनाने का पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा, “हमने 288 विधानसभा क्षेत्रों का समीक्षा किया है और हमें जरूरी संख्या मिलने का भरोसा है। मुझे नहीं लगता कि हमें बाहरी समर्थन की जरूरत होगी।”
गिनती में हेराफेरी को लेकर MVA ने जताई चिंता
हालांकि थोराट को गिनती के दौरान हेराफेरी की चिंता है। उन्होंने कहा, “हमने निर्णय लिया है कि सभी गिनती एजेंटों को अपनी जगहों से तब तक नहीं हटना चाहिए जब तक कि आखिरी वोट की गिनती पूरी न हो जाए और परिणाम संबंधित अधिकारियों द्वारा आधिकारिक रूप से घोषित न किए जाएं। हम इस संबंध में निर्देश जारी कर रहे हैं।”
वहीं, एमवीए के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, “हमें डर है कि अगर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती है तो राज्यपाल भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं, भले ही महायुति को बहुमत नहीं मिलता है।”
एमवीए के ही एक अन्य नेता ने कहा कि पिछले अनुभवों के आधार पर वे इस बात से डरते हैं कि भाजपा 145 सीटों के करीब न होने पर राष्ट्रपति शासन लागू करवा सकती है। उन्होंने कहा, “2019 में शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से नई दिल्ली में मुलाकात की थी। इधर राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था। हम इस बार ऐसी स्थिति से बचना चाहते हैं।”
शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने विश्वास व्यक्त किया कि MVA बहुमत के आंकड़े को पार करेगा। उन्होंने कहा, “MVA 160 से 165 सीटें जीतेगा और हम उसी दिन शाम को अपना दावा प्रस्तुत करेंगे।”