
सपनों की कोई सीमा नहीं होती
गुंडरदेही: आज हमने यह देखा कि सपनों की कोई सीमा नहीं होती। अगर जज़्बा हो, तो गांव की गलियों से निकलकर बेटियां सरहद तक पहुंच सकती हैं। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की बेटी ने पूरे देश में गाँव का नाम रौशन किया है। गुंडरदेही ब्लॉक हरणसिंघी गाँव की बेटी निधि कतलम अर्द्ध सैनिक बल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अपने गृहग्राम लौटी, जहाँ ग्रामीणों के द्वारा उसका भव्य स्वागत किया गया। हाथों में तिरंगा झंडा लेकर गाँव की गलियों में देशप्रेम का नारा गूंजने लगा।

कभी गांव की पगडंडियों पर खेलती रही निधि कतलम आज अर्धसैनिक बल की ट्रेनिंग पूरी कर गांव लौटी तो गांव वासियों ने फूलों की वर्षा और ढोल-नगाड़ों के साथ उसका भव्य स्वागत किया। निधि एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखती है, जहाँ उसके पिता नवरत्न कतलम किसान, और मां गृहिणी है। निधि की सोच और हौसले असाधारण रहे। इंटरमीडिएट के बाद सपना ने अर्धसैनिक बल में जाने का फैसला लिया। छह महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद वह अब एक पूर्ण रूप से प्रशिक्षित जवान बन चुकी हैं। गांव में प्रवेश करते ही रास्तों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं आरती की थाल लेकर, बच्चे तिरंगा लहराते हुए और बुजुर्ग आशीर्वाद देते हुए स्वागत के लिए खड़े थे। गांव के स्कूल प्रांगण में एक स्वागत समारोह का आयोजन किया गया जहां सपना को सम्मान पत्र और फूलों की माला भेंट की गई।

गाँव की बहादुर बेटी निधि ने RK NEWS24 से चर्चा करते हुए बताया कि “मैंने हमेशा सपना देखा था कि देश के लिए कुछ करूं। फ़ोर्स की ट्रेनिंग आसान नहीं थी, लेकिन मेरे गांव की मिट्टी ने मुझे मजबूत बनाया। मैं हर लड़की से कहना चाहती हूं कि डरना नहीं, सपनों का पीछा करो।”