ब्राजील के रियो डी जनेरियो में हो रहे जी 20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में शामिल सभी नेताओं ने सोमवार को जलवायु परिवर्तन, यूक्रेन, गाजा और लेबनान में चल रहे युद्ध समेत अन्य कई मुद्दों पर बातचीत की.इस दौरान वैश्विक शक्तियों के बीच मतभेद उजागर होने के साथ ही कुछ सफलताएं भी हासिल हुईं. जी20 शिखर सम्मेलन से पांच प्रमुख निष्कर्षों के बारे में जानिए.
कोई जलवायु परिवर्तन नहीं
उम्मीद जताई जा रही थी कि जी20 नेता अजरबैजान में रुकी हुई संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता को तुरंत शुरू कर देंगे. हालांकि उन्होंने अपनी अंतिम घोषणा में केवल “सभी स्रोतों से क्लाइमेट फाइनेंस को अरबों से खरबों तक बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया. अहम बात यह है कि उन्होंने यह नहीं बताया कि खरबों की रकम आएगी कहां से. जी20 में शामिल हुए नेताओं ने पिछले साल दुबई में COP28 जलवायु वार्ता में जीवाश्म ईंधन से दूर “उचित, व्यवस्थित और न्यायसंगत परिवर्तन” के लिए की गई प्रतिबद्धता को नहीं दोहराया. ग्लोबल सिटीजन अभियान समूह के को-फाउंडर मिक शेल्ड्रिक ने कहा, “उन्होंने चुनौती के लिए कदम नहीं उठाए है.
यूक्रेन-रूस युद्ध
जी20 में यूक्रेन युद्ध चर्चा का खास विषय रहा. एक दिन पहले ही अमेरिका द्वारा उनकी आपूर्ति वाली लंबी दूरी की मिसाइलों से रूसी क्षेत्र पर हमला करने के लिए कीव को हरी झंडी दी थी. हालांकि रूस ने भी कहा है कि अगर हमला हुआ तो वह भी जवाबी एक्शन के लिए तैयार है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्राजील के साथ मिलकर कीव को रूस के बीच शांति वार्ता करने पर जोर दे रहे हैं. उन्होंने जी20 से युद्ध को शांत करने में मदद की अपील की. जी20 नेताओं ने अपने अंतिम बयान में कहा कि वे यूक्रेन में व्यापक, न्यायपूर्ण शांति का समर्थन करने वाली सभी प्रासंगिक और रचनात्मक पहलों का स्वागत करते हैं. पिछले साल के G20 शिखर सम्मेलन की तरह, “क्षेत्रीय अधिग्रहण के लिए बल प्रयोग की धमकी या प्रयोग” की निंदा करते हुए, उन्होंने रूसी आक्रामकता का कोई जिक्र नहीं किया.
लेबनान, गाजा सीजफायर का आह्वान
G20 के नेताओं ने गाजा और लेबनान दोनों में “व्यापक” युद्धविराम का आह्वान किया. ये देश अमेरिका और अर्जेंटीना जैसे दृढ़ इज़रायल समर्थकों को फिलिस्तीनी समर्थक तुर्की जैसे देश के साथ लाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि गाजा युद्धविराम अमेरिका द्वारा प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के मुताबिक होना चाहिए, जिसमें हमास द्वारा सभी बंधकों की रिहाई के बदले में क्षेत्र में स्थायी युद्धविराम की बात कही गई है. इसके साथ ही लेबनान युद्धविराम का भी आह्वान किया गया, जिससे नागरिक ब्लू लाइन के दोनों ओर अपने घरों में सुरक्षित लौट सकेंगे.
ज्यादा अमीरों पर टैक्स
जी20 ने यह सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करने के विचार का समर्थन किया कि ज्यादा नेट वर्थ वाले लोगों पर प्रभावी ढंग से टैक्स लगाया जाए. हालांकि ये भी कहा गया है कि ये सहयोग “टैक्स संप्रभुता के पूर्ण सम्मान के साथ” होना चाहिए और इसमें टैक्स सिद्धांतों के इर्द-गिर्द बहस को भी शामिल किया जाना चाहिए. ब्राज़ीलियाई G20 प्रेसीडेंसी द्वारा इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट लिखे जाने के लिए चुने गए अर्थशास्त्री गेब्रियल ज़ुकमैन ने इस एतिहासिक फैसले की सराहना की.
भूख के खिलाफ एकजुटता
ब्राजीलियन राष्ट्रपति लूला के सबसे अहम मुद्दों में भूख के खिलाफ वैश्विक एकजुटता बनाना भी शामिल रहा. शिखर सम्मेलन की शुरुआत में उस पहल को शुरू करने में सफलता हासिल की, जिसमें 82 देशों ने हस्ताक्षर किए. इस एकजुटता का मकसद भूख के खिलाफ अभियान में वित्तपोषण देने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को एकजुट करना और कुछ देशों में सफल साबित हुए कार्यक्रमों को दोहराना है. उनका लक्ष्य दशक के अंत तक आधा अरब लोगों तक पहुंचना है. गरीबी में पले-बढ़े लूला ने इसे मानवता को शर्मसार करने वाला संकट कहा.