मनरेगा योजना के सफल क्रियान्वयन से जिले के कई गांवों में ग्रामीणों की जिंदगी बदल रही है। ऐसी ही एक कहानी जनपद पंचायत बतौली के ग्राम पंचायत झरगवां के किसान देवनाथ की है। देवनाथ के पास 3.86 एकड़ की भूमि तो है, परन्तु सिंचाई सुविधा नहीं होने के कारण सिर्फ बारिश के मौसम में ही धान की खेती कर पाते थे, जिससे वो अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। पानी की कमी के कारण खेत ज्यादातर समय सूखे रहते थे, जो आर्थिक उन्नति में बाधा बन गया था। उन्होंने आगे बढ़ने की चाह के साथ निजी भूमि पर डबरी निर्माण के बारे में सोचा।
देवनाथ बताते हैं कि उनका परिवार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में पंजीकृत परिवार है, उन्हें योजना के तहत डबरी निर्माण के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद वर्ष 2023-24 में डबरी निर्माण हेतु 2.99 लाख रुपए की स्वीकृति मिली। डबरी बन जाने के बाद देवनाथ को सिंचाई के माध्यम से खेती-किसानी के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो पा रहा है। वहीं अब वे इसके अलावा मछली पालन एवं सब्जी-बाड़ी का काम भी कर रहे है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। अब वे उन्नत किसान बनकर उभरे हैं।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा 30 x 30 की साईज की डबरी का निर्माण कराया गया, जिसमें वर्तमान में 06 फीट पानी भरा हुआ है। खेत की मेड़ पर अरहर की फसल एवं लौकी का उत्पादन किया जा रहा है, इस वर्ष धान का उत्पादन भी विगत वर्ष की तुलना में ज्यादा हुआ है। देवनाथ ने अपनी डबरी में इस बार 26 किलो मछली के बीज डाले है जिनकी वर्तमान ग्रोथ अच्छी हो रही है, डबरी निर्माण से उनकी खेतों की नमी भी बढ़ गई, उन्होंने बताया कि वह इस बार अपने खेतों में गेहूं और साग सब्जी का उत्पादन करेगें।
उन्हें अपने परिवार की अजीविका चलाने में अब कोई परेशानी नही हो रही है।डबरी निर्माण कार्य से कुल 1111 मानव दिवस रोजगार का भी सृजन हुआ। देवनाथ ने शासन को धन्यवाद देते हुए अपनी खुशी व्यक्त की। मनरेगा के अंतर्गत पंचायत स्तर पर डबरी निर्माण, कुंआ निर्माण जैसे कई कार्य किये जा रहे हैं। इन कार्यों से ग्रामीणों को रोजगार मिलने के साथ ही उनके जीवन स्तर में काफी सुधार देखने को मिल रहा है और उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है।