भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में लोकायुक्त और आईटी की छापेमार कार्रवाई पर सीएम डॉ मोहन यादव का बड़ा बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि हमने आरटीओ के सभी चेक पोस्ट बंद कर दिए। प्रदेश में किसी भी हालत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसमें जिस स्तर पर भी कार्रवाई करना है, हमारी सरकार लगातार कर रही है और आगे भी करती रहेगी। सोमवार को गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीएम डॉ मोहन यादव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के साथ सागर जिले पहुंचे। जहां उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की धरती में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का स्वागत है। मध्यप्रदेश में हुए कई करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार पर सीएम यादव ने कहा कि अपराधियों को माफ़ नहीं किया जायेगा।
वहीं राजधानी भोपाल में छापेमार कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने गठन होने के साथ ही कठोर निर्णय लिए है। इसमें एक बड़ा निर्णय लिया गया था, सभी टोल बैरियर पर जो वसूली चलती थी या टोल पर शिकायत थी, सबको हमारी सरकार ने बंद कर दिया। हम किसी भी हालत में किसी तरह के भी करप्शन को बर्दाश्त नहीं करेंगें। इसमें जिस स्तर पर भी कार्रवाई करना है, हमारी सरकार लगातार कर रही है और करती रहेगी।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में छापेमार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी की एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी खाली प्लॉट पर खड़ी है। जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए हैं। कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था। जिसके बाद IT की टीम ने कांच तोड़कर अंदर से बैग बाहर निकला, जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था। सोने की कीमत लगभग 42 करोड़ रुपये बताई गई। लोकायुक्त की रेड में जो नाम सामने आया वह सौरभ शर्मा है, जो परिवहन विभाग का पूर्व आरक्षक है। उसी से जुड़े शख्स चेतन सिंह की यह गाड़ी बताई गई।
सौरभ के घर से मिले थे करोड़ों रुपये
इसके बाद लोकायुक्त टीम ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित निवास पर भी छापा मारा था। जहां से वाहन, घर के सामान, आभूषण और नगद जिसकी कुल कीमत 3 करोड़ 86 लाख रुपये है। वहीं आरोपी के कार्यालय जहां उनका सहयोगी चेतन सिंह गौर का निवास भी है, वहां से चांदी और नगद, कुल 4 करोड़ 12 लाख की संपत्ति बरामद की गई थी।बताया जा रहा है कि प्रदेश के अलग-अलग जगह पर बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले थे। सौरभ शर्मा को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। उन्होंने सिर्फ 10-12 साल की नौकरी की, फिर परिवहन विभाग से वीआरएस ले लिया था। इस मामले में लोकायुक्त, आईटी के बाद अब ईडी की एंट्री हुई है। प्रवर्तन निदेशालय ने सौरभ शर्मा और उसके साथी चेतन के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है। दुबई से लौटने के बाद सौरभ शर्मा और उसके परिवार से पूछताछ की जाएगी। फिलहाल इस पूरे मामले में लोकायुक्त, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय, तीनों एजेंसियां जांच में जुटी हुई है।