
रायपुर: नाग देवता की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन में सदैव सुख-शांति बनी रहती है। आज 29 जुलाई को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व माना जाता है। इसके साथ ही ये दिन रुद्राभिषेक के लिए भी शुभ होता है। वहीं कई लोग इस पावन अवसर पर एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भेजते हैं।
क्यों करते है नाग देवता की पूजा
नाग पंचमी, नागों को समर्पित एक हिंदू त्योहार है जो श्रावण (सावन) महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन, नागों की पूजा की जाती है, और मान्यता है कि ऐसा करने से सांपों के डर से मुक्ति मिलती है, सुख-समृद्धि आती है, और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
कैसे होती है नागपंचमी की पूजा
नाग पंचमी के दिन, लोग अपने घरों के मुख्य द्वार पर गोबर से नाग की आकृति बनाते हैं, नाग देवता की पूजा करते हैं, और उन्हें दूध चढ़ाते हैं. इस दिन, नागों को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद लेने के लिए कुछ विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं. नाग पंचमी का त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसका एक सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व भी है. यह त्योहार नागों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का एक अवसर है, जो प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
नाग पंचमी के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं:
एक कथा के अनुसार, राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए नागों का नाश करने के लिए एक यज्ञ शुरू किया था। ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि ने यज्ञ को रोककर नागों की रक्षा की, और तब से नाग पंचमी मनाई जाने लगी.
कालिया नाग का अहंकार:
एक अन्य कथा में, भगवान कृष्ण द्वारा कालिया नाग का अहंकार तोड़े जाने का उल्लेख है, जिसके बाद कालिया नाग को भी नाग पंचमी के दिन पूजा जाने लगा.
पृथ्वी की उर्वरता:
नागों को पृथ्वी की उर्वरता और जल तत्व का प्रतीक माना जाता है, जो कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। किसान नागों की पूजा करते हैं ताकि वे फसलों की रक्षा कर सकें.