गौ माता का आखिर ज़िम्मेदार कौन? भूख प्यास से 10 से ज्यादा गायों की मौत, फसल बचाने गौठान में गायों को किया था बंद

दुर्ग. छत्तीसगढ़ के आये दिन गौ माता की मौत की खबरें मन को विचलित कर देती है। विगत कई महीनों से लगातार गायों के मौत के मामले सामने आ रहे है.भूख प्यास से बिलखती गायों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। ऐसा विचलित वाला मामला दुर्ग जिले के नंदनी थाना क्षेत्र के गोढ़ी गांव के गौठान से आया है जहाँ भूख 10 से भी ज्यादा गायों की भूख-प्यास से मौत हो गई. यहां चारा-पानी की व्यवस्था किए बगैर गायों को रखा जा रहा है.

गोठान बंद होने से मवेशी खुले में घूम रहे हैं. बताया कि कुछ किसानों ने यहां के सरपंच गोपी साहू से उनकी फसल चरने की चिंता जताई. सरपंच गोपी साहू पर ग्रामीणों का आरोप है कि उसने किसानों की फसल को बचाने के लिए स्वयं एक कमेटी बनाई. इसके बाद मवेशियों को गौठान में बांध दिया. वहां चारा-पानी ना मिलने से 10 मवेशियों की भूख-प्यास से मौत हो गई.

गांव के पंच पति डोमार सिंह ने गायों की मौत के लिए सरपंच गोपी साहू को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि किसानों की फसल को चरने से बचाने के लिए सरपंच ने एक कमेटी बनाई. कमेटी को ग्रामीणों की मदद लेकर सभी मवेशियों के चारा पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन ना तो सरपंच और ना उसकी कमेटी के किसी सदस्य ने ध्यान दिया. जब गांव के लोगों को गौठान से मवेशियों के सड़ने की गंध आई तब लोगों ने देखा तो पाया कि 10 से अधिक मवेशी गौठान में मृत पड़े थे. आनन फानन में मामले को दबाने के लिए गौठान में पड़े मवेशियों के शव और उनके कंकाल को ट्रैक्टर में भरकर दूसरी जगह फेंक दिया गया. मामले की सूचना मिलते ही पशु विभाग की टीम मौके पर पहुंची. उसने कुछ मवेशियों को अपने कब्जे में लिया और उनका पीएम कराया है. धमधा जनपद पंचायत के सीईओ किरण कौशिक ने बताया कि उन्होंने मवेशियों के शव का पीएम कराया है. निमोनिया बीमारी होने से गायों की मौत की आशंका है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण का पता चल पाएगा.

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