
रायपुर: यह तस्वीर जो आप देख रहे हैं राजधानी के वार्ड क्रमांक 2 की है, यहां स्थित कॉलोनी मीडियाकर्मी आवासीय परिसर में घुटनों तक पानी भर आया है, जिससे वहां के रहवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गाड़ियां लेकर निकल रहे लोगों की गाड़ियां पानी के बीच में ही बंद हो जा रही है, सुबह महिलाओं को रोजमर्रा के काम करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस कॉलोनी में कमोबेस हर साल पानी भर जाता है, यह पानी लगभग 6 घंटे कॉलोनी में अपना डेरा जमाए रहेगा फिर धीरे-धीरे बह जाता है। कॉलोनी वासियों को हर साल इस स्थिति से दो-चार होना पड़ता है। हर वर्ष होने वाली ऐसी दिक्कत से स्थानीय प्रशासन भी अवगत है, लेकिन समय रहते इसकी व्यवस्था नहीं की जाती, नतीजा हर वर्ष यही नजारा होता है।
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अब जरा ये सोचिये की जल भराव की स्थिति इसी साल ही तो नहीं उत्पन्न हुई. ये परेशानी और स्थिति कई दशकों से ऐसे ही बनी हुई है। कई सरकारें आई और कई सरकारें चली गई. सीरत बदल गए सत्ता बदल गई लेकिन नहीं बदली तो सिर्फ राजधानी की सूरत। क्या कभी राजधानी रायपुर जल भराव की स्थिति से कभी उबार पायेगा या हर साल हमें ऐसी ही तस्वीर देखने को मिलेगी? फिलहाल छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता के नाम पर जा रहा है लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है।