
प्रयागराज:अरविन्द तिवारी: ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज श्रीबैद्यनाथ धाम देवघर में आयोजित तीन दिवसीय साधना एवं राष्ट्र रक्षा शिविर के समापन पश्चात अपने राष्ट्रोत्कर्ष अभियान में प्रयागराज शिवगंगा आश्रम , रेलवे पुल के पास झूंसी पहुंच गये हैं। यहां महाराजश्री का प्रवास कार्यक्रम 18 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक निर्धारित है। इस अवधि में प्रति दिवस प्रात: कालीन सत्र में साढ़े ग्यारह बजे से दर्शन , दीक्षा , गोष्ठी समायोजित है , जिसमें उपस्थित सनातनी भक्त वृन्द अपनी धर्म , अध्यात्म और राष्ट्र से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। वहीं सायंकालीन सत्र में साढ़े पांच बजे से हिन्दू राष्ट्र संगोष्ठी अंतर्गत आध्यात्मिक संदेश श्रवण का लाभ मिल सकेगा।
गौरतलब है कि पुरी शंकराचार्यजी विश्व मानवता की रक्षा के लिये पूरे राष्ट्र की यात्रा कर सर्वकालिक सनातन संस्कृति के सर्वहितप्रद सिद्धान्तों से आमजनों को अवगत कराते हैं। पुरी शंकराचार्यजी का कथन है कि गोवंश , सदाचार , संयम , सम्पन्न वेदज्ञ ब्राह्मण , ऋगादि वेद , सती , सत्यवादी , निर्दोष और दानशील धरती के धारक सिद्ध हैं। तद्वत् धर्म – अर्थ – काम और मोक्ष संज्ञक पुरुषार्थ चतुष्टय तथा काल पृथ्वी के धारक हैं। इनके संरक्षण तथा संवर्द्धन में आस्थान्वित तथा संलग्न हिन्दु सिद्ध हैं। हम किसी को अपने से नहीं जोड़ते। हमारे पास , हमारे सामने जो आता है हम उसको धर्म , ईश्वर और राष्ट्र से जोड़ देते हैं बस अब वो हमसे जुड़ गया क्योंकि हम पहले से ही धर्म और राष्ट्र से जुड़े हैं , यही हमारी सफलता का रहस्य है। संध्या वंदन के संबंध में कहते हैं कि संध्या वंदन क्या है , शक्ति के अधार की एक प्रक्रिया है। हम चक्षु माने नेत्र और सूर्य की एकता का , वाक् और अग्नि की एकता का , मन और चंद्रमा की एकता का जब चिंतन करते हैं , तब क्या होता है , आधिदैविक बल से हमारा जीवन सम्पन्न होता है। प्रयागराज की यात्रा पूर्ण कर पुरी शंकराचार्यजी 01 मई 2025 को प्रात: लगभग साढ़े दस बजे सूबेदारगंज , प्रयागराज रेलवे स्टेशन से जम्मू मेल द्वारा राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के अगले चरण में जम्मू तवी प्रस्थान करेंगे। इसकी जानकारी श्रीसुदर्शन संस्थानम , पुरी शंकराचार्य आश्रम के मीडिया प्रभारी अरविन्द तिवारी ने दी।