
धनबाद : हमारा वास्तविक लक्ष्य क्या है? और वो कैसे प्राप्त होगा? विश्व का प्रत्येक जीव सुख ही क्यों चाहता है इसका क्या कारण है?संसार में बहुत सारी चीजें हैं सभी में परस्पर भिन्नता है अलग अलग सभी के विचार हैं पेड़ पौधे सभी दो पत्ते एक समान नहीं होते फिर ऐसा क्यों है कि अगर हम किसी से पूछते हैं आप क्या चाहते हैं तो कोई भी उत्तर कोई दे उसमें क्यों लगा दो तो कोई बोलेगा इसलिए फिर पुनः उससे पूछिए ये चीज आप क्यों चाहते हैं तो इस प्रकार अंत में आपको यही उत्तर मिलेगा कि हम सुख चाहते हैं शांति चाहते हैं कोई भी ये नहीं कहेगा कि हम दुःख चाहते हैं ऐसा है ही नहीं इसी का विज्ञान श्री कृपालुजी महाराज के प्रपौत्र नीलमणि जी ने झारखंड मैदान में आज से शुरू हुए प्रवचन के दौरान कही . उन्होंने कहा कि सात दिवसीय चलने वाली प्रवचन श्रृंखला में हमें सभी शास्त्रों वेदों का सार सुनने को मिलेगा हमारा दर्शन हमें किस लक्ष्य की ओर प्रेरित करता है एवं हम उस स्थिति पर कैसे पहुँच सकेंगे .

हमारे इस युग के परमाचार्य विश्व के पंचम मूल जगद्गुरु के रूप में पहचाने जाने वाले जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज ने इसका प्रसार कर उन्होंने कई जीवों को जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाया है उसी अद्भुत ज्ञान का प्रसार करने के लिए जगदगुरुत्तमपौत्र श्री नीलमणि जी झारखण्ड के धनबाद शहर में प्रवचन कर रहे हैं. हमारे जीवन का वास्तविक लक्ष्य क्या है ऐसा लक्ष्य जिसको पाने के बाद कुछ और प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं रहती क्योंकि प्रत्येक जीव कोई भी कर्म करता है तो किसी उद्देश्य से ही करता है किसी लक्ष्य से ही करता है सबके अलग अलग लक्ष्य हैं अलग अलग कर्म हैं लेकिन हमको जानने को मिलेगा कि ऐसा भी कुछ है जिसको पाकर कुछ पाने की चाह नहीं रहती कोई और पाने की आवश्यता नहीं रहती जीव परिपूर्ण हो जाता है सभी दुखों से परे हो जाता है जीवन मृत्यु सुख दुःख लाभ हानि पाप पुण्य सभी से परे हो जाता है.







