
बिलासपुर : यद्यपि जन प्रतिनिधि जनता के सेवक होते है किंतु यदि वे ही जनता का सेवा छोड़ अमन चैन की शांति भंग करने में लग जाए, विधि एवं संविधान द्वारा बनाए गए नियम पालन का शपथ ले उसे तोड़ने में लग जाए, प्रशासन के अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने लगे तब जनता की स्थिति कैसी होगी ? यह एक सोचनीय विषय है। और ऐसा ही एक मामला निकलकर आया है बिलासपुर जिले के नगर पंचायत मल्हार से जहां नगर पंचायत अध्यक्ष एवं उसके पति द्वारा न केवल नगर पंचायत सीएमओ से ड्यूटी के दौरान ऑफिस में घुसकर गाली गलौच किया गया बल्कि मारने हेतु हाथ भी उठाया गया।
जानिए क्या है मामला?
ज्ञात सूत्रों के अनुसार नगर पंचायत मल्हार के सीएमओ मनीष सिंह ठाकुर ने अध्यक्ष धनेश्वरी केंवट और उसके पति धनेश्वर केंवट के खिलाफ बदसलूकी की शिकायत पुलिस के पास दर्ज किया है। रिपोर्ट के अनुसार दिनांक 17 सितंबर दिन बुधवार को दोपहर करीब दो बजे के आसपास सीएमओ अपने ऑफिस पहुंचे। इस दौरान वहां ऑफिस गेट के पास नगर पंचायत अध्यक्ष धनेश्वरी केंवट और उनके पति धनेश्वर केंवट पूर्व से ही उपस्थित थे उन्होंने सीएमओ को रोककर उनसे कमीशन हेतु मांग किया। इस बात का विरोध करने पर अध्यक्ष धनेश्वरी केंवट और उनके पति धनेश्वर केंवट सीएमओ ऑफिस में घुस गए और गाली गलौच करने लगे इसी दौरान महिला अध्यक्ष द्वारा सीएमओ को मारने हेतु हाथ भी उठाया गया। इस प्रकार सीएमओ ऑफिस में हंगामा होते देख ऑफिस में कार्यरत कर्मचारियों की भीड़ वहां एकत्रित हो गई तथा कर्मचारियों ने नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार का वीडियो बना अपने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया में डाल दिया अब यह वीडियो सोशल में जमकर वायरल हो रहा है।
अधिकारी एवं कर्मचारियों ने की कलेक्टर से शिकायत
नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती धनेश्वरी केेंवट और उसके पति द्वारा सीएमओ से किए गए दुर्व्यवहार से क्षुब्ध हो अधिकारी व नगर पंचायत के कर्मचारी गुरुवार को बिलासपुर कलेक्टोरेट पहुंच गए । वहां सभी ने पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर संजय अग्रवाल को देते हुए शीघ्र ही कार्यवाही करने हेतु आवेदन दिया है। जिस पर कलेक्टर ने मामले की जांच कर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।
शासन का पैसा जनता के भलाई के लिए है कमीशन देने के लिए नहीं – सीएमओ
नगर पंचायत मल्हार के सीएमओ मनीष ठाकुर ने बताया कि आये दिन महिला पंचायत अध्यक्ष धनेश्वरी केेंवट एवं उसके पति फोन कर हर काम के बदले कमीशन मांगते है। मना कर देने पर कर्मचारियों से न केवल हुज्जतबाजी बल्कि गाली गलौच भी करते है। ऐसे में समझ में नहीं आता कि आखिर हम क्या करें ? जनता की भलाई व सेवा हेतु धन खर्च करें या फिर फंड की राशि कमीशन खाने हेतु दे दें? शासन की राशि जनता के भलाई के लिए आती है न कि कमीशन खाने के लिए। इसी प्रकार की एक घटना पूर्व में भी घटित हो चुकी है जिसे नगर पंचायत के पार्षदों और गणमान्य नागरिकों द्वारा हस्तक्षेप कर सुलझा लिया गया था। किंतु अध्यक्ष और उसके पति पर इस बात का कोई असर ही नहीं हुआ प्रतिफल पुनः ऐसी अशोभनीय घटना घटित हुई है।
पुलिस ने अपराध दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की
इधर पुलिस ने नगर पंचायत मल्हार के सीएमओ मनीष सिंह ठाकुर के शिकायत पर अपराध पंजी बद्ध कर विवेचना प्रारंभ कर दिया है। प्रथमतया मामले को देखकर तो लगता कि जनता की सेवा हेतु प्रण बद्ध जन प्रतिनिधि को जनता के हित से कोई मतलब नहीं है उन्हें केवल कमीशन चाहिए। अब इस विषय में शासन प्रशासन किस स्तर तक कार्यवाही करेगा वो समय आने पर ही ज्ञात होगा।
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