रायपुर। धारा 370 और 35A की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर में विकास की नई शुरुआत हुई है, और यह क्षेत्र अब प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। लेकिन कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी जैसे कुछ दल इस बदलाव से बेचैन नजर आ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाल ही में धारा 370 की बहाली पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस की चुप्पी उनके राष्ट्रहित पर सवाल खड़े करती है। ऐसा प्रतीत होता है कि ये दल क्षेत्र को फिर से 90 के दशक की अशांति की ओर ले जाना चाहते हैं। कांग्रेस को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए, ताकि जनता जान सके कि वे विकास और शांति के पक्ष में हैं या अशांति के पुराने दौर की।