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रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में 25 वर्षो बाद पहली बार कैमरा डाउन होता दिखाई दिया। दरअसल, आज चौथे दिन सदन की कार्यवाही कवरेज के दौरान मीडिया कर्मियों को पत्रकार दीर्घा में मोबाइल लेकर जाना वर्जित कर दिया था। जिसे लेकर पत्रकारों ने विधानसभा अध्यक्ष को सूचित करते हुए खासी नाराजगी जताई और जब तक मोबाइल लेकर प्रवेश न दिए जाने तक खबरों का बहिष्कार किया। विपक्षी दल ने मीडिया का साथ देते हुए इसे चौथे स्तंभ के अधिकारों का को दबाने की बात करते हुए अपने विधायकों के साथ पत्रकारों के समर्थन में उतरे। और इस मुद्दे को सदन में भी पुरजोर उठाया गया।
आपको बता दें कि सत्र के तीसरे दिन दर्शक दीर्घा से किसी व्यक्ति ने सदन की कार्यवाही का मोबाइल से वीडियो बनाकर वायरल किया। जिसके कारण मीडिया कर्मियों को कार्यवाही के दौरान मोबाइल बैन किया गया। जिसके बाद के लिए सत्तापक्ष के विधायकों के द्वारा मीडिया कर्मियों से चर्चा की गई। जिसके बाद मीडिया कर्मियों ने सदन की मान सम्मान को रखते हुए अपना बहिष्कार समाप्त किया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया चौथे स्तंभ की हत्या
छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब विधानसभा कार्यवाही कवरेज के दौरान पत्रकारों ने कवरेज करने से मना करते हुए सदन की कार्यवाही के कवरेज करने का बहिष्कार किया। आखिरकार चर्चा के बाद पत्रकारों को विधानसभा के पत्रकार दीर्घा में मोबाइल ले जाने की अनुमति दी गई। इस दौरान पत्रकारों के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने विधायकों के साथ पत्रकारों के समर्थन में आए और कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के अधिकारों को दबाया जा रहा है। जो बिल्कुल गलत है ।





