
ग्रामीण विकास ट्रस्ट और एसएमबीसी बैंक की पहल दिल्ली-एनसीआर में
नई दिल्ली | ग्रामीण विकास ट्रस्ट (जीवीटी) और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एसएमबीसी) ने सतत शहरी विकास और समावेशी प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए ई-वेस्ट प्रबंधन में कार्यरत श्रमिकों को सेफ़्टी किट वितरित किए। यह कार्यक्रम कटवारी सराय में आयोजित हुआ, जिसमें एमसीडी लाडो सराय वार्ड के पार्षद राजीव चौधरी ने भाग लिया और 25 प्रशिक्षित श्रमिकों को सुरक्षा किट प्रदान की। यह पहल न केवल इन श्रमिकों के स्वास्थ्य और गरिमा की रक्षा के लिए है बल्कि सुरक्षित और टिकाऊ रीसाइक्लिंग प्रथाओं को भी बढ़ावा देती है।
भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा ई-वेस्ट उत्पादक है, जो हर साल 3.2 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक ई-वेस्ट पैदा करता है। इसका अधिकांश हिस्सा अनौपचारिक श्रमिकों द्वारा बिना किसी सुरक्षा उपकरण के संभाला जाता है। इससे न केवल उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है बल्कि परिवार, समुदाय और पर्यावरण पर भी गंभीर खतरे मंडराते हैं। इसी चुनौती को देखते हुए जीवीटी और एसएमबीसी ने ई-वेस्ट श्रमिकों को प्रशिक्षित करने, सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने और उन्हें सुरक्षित व औपचारिक रीसाइक्लिंग व्यवस्था से जोड़ने का व्यापक कार्यक्रम शुरू किया।

कार्यक्रम के दौरान श्रमिकों को दस्ताने, मास्क, जैकेट, गॉगल्स और सुरक्षा जूते से युक्त सेफ़्टी किट प्रदान किए गए। इन किट्स से ई-वेस्ट का सुरक्षित प्रबंधन करने में श्रमिकों की कार्यस्थलीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्षद राजीव चौधरी ने इन श्रमिकों को ‘स्वच्छता सैनिक’ कहते हुए कहा,
“हमारे कचरा कर्मी स्वच्छता व्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन उनकी अपनी सुरक्षा अक्सर अनदेखी रह जाती है। उन्हें प्रशिक्षण, पहचान और सुरक्षा उपकरण देना हमारा नैतिक कर्तव्य है और स्वस्थ दिल्ली की दिशा में व्यावहारिक कदम भी। मैं ग्रामीण विकास ट्रस्ट और एसएमबीसी के इस प्रयास की सराहना करता हूँ।”

इस पहल के अंतर्गत श्रमिकों को व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा का प्रशिक्षण, ई-वेस्ट के खतरों की जानकारी, सुरक्षित डिस्मैंटलिंग तकनीक और सुरक्षात्मक उपकरणों का महत्व सिखाया जा रहा है। साथ ही, उन्हें औपचारिक रीसाइक्लिंग सिस्टम से जोड़ने की भी योजना है। आने वाले समय में एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म भी लाया जाएगा, जिससे समुदाय सीधे अधिकृत कलेक्शन सेवाओं से जुड़ सकेगा।
ग्रामीण विकास ट्रस्ट के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने कहा,
“यह पहल हमारे उस दृष्टिकोण को दर्शाती है जिसमें हर श्रमिक को गरिमा, सुरक्षा और प्रगति के अवसर मिलते हैं। श्रमिक हमारे शहरी स्वच्छता तंत्र की धुरी हैं। उन्हें ज्ञान, सेफ़्टी किट, बीमा और सीखने के अवसर देकर हम मानव क्षमता और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों को मजबूत कर रहे हैं।”
जीवीटी और एसएमबीसी की यह पहल दिल्ली-एनसीआर को एक स्वच्छ, सुरक्षित और हरित भविष्य की ओर ले जा रही है।