
उज्जैन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन सदैव भारत की सांस्कृतिक राजधानी रही है। यह वह धरा है, जहाँ से ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म और संस्कृति का प्रकाश पूरे विश्व में फैला। यह वही नगरी है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा प्राप्त की, जहां। महाकाल का आशीर्वाद हर कण में विद्यमान है और जहां विक्रमादित्य जैसे महान सम्राट ने धर्म, न्याय और ज्ञान की प्रतिष्ठा स्थापित की। उन्होंने आगे कहा मैं स्वयं इस विश्वविद्यालय का विद्यार्थी रहा हूँ। छात्र जीवन की अनेक स्मृतियां आज ताज़ा हो गई हैं। यह संस्था केवल शिक्षा का केंद्र नहीं बल्कि मेरे जीवन की प्रेरणा रही है। इस विश्वविद्यालय ने मुझे सामाजिक सेवा, नेतृत्व और सार्वजनिक जीवन का मार्ग दिखाया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय की नवीन नाम पट्टिका के अनावरण के बाद विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित डॉ. राजेश गुप्ता एवं डी.डी. बेदिया की डिजिटल मार्केटिंग, तिलक राज सिंह सोलंकी की राजा रवि वर्मा: एक भारतीय चित्रकार, रमण सोलंकी की आलेख पुरातन की ओर, गीता नायक की नूतन प्रवाह, मिती शर्मा की ए स्पेक्ट्रम ऑफ इंडिया, तथा डॉ. रवीन्द्र पस्तोर, प्रो. आशीष वर्मा, डॉ. हितेन्द्र त्रिवेदी की Planning for the Largest Human Gathering on Planet Earth आदि पुस्तकों का विमोचन किया।
विश्वविद्यालय द्वारा “मेरी स्मृतियों में” शीर्षक से एक विशेष पत्रिका का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, भाजपा नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, राजेन्द्र भारती, राजेश सिंह कुशवाह, डॉ. रूप पमनानी, डॉ. वरुण गुप्ता, सहित अनेक गणमान्य नागरिक, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।