
छत्तीसगढ़ में 21 हजार करोड़ रुपए से अधिक के हुए शराब घोटाला मामले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया. शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए सुबह सौम्या चौरसिया को प्रवर्तन निदेशालय ने अपने कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था. देर शाम को सौम्या चौरसिया को शराब घोटाला मामले में ईडी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. 17 दिसम्बर को सौम्या चौरसिया को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा. इसके पहले प्रवर्तन निदेशालय ने सौम्या चौरसिया को साल 2022 में मनी लांड्रिंग और कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी.

ईडी की टीम कल करेगी कोर्ट में पेश
30 मई 2025 को कोयला घोटाला और डीएमएफ घोटाला मामले में सौम्या चौरसिया सहित छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी. इसके बाद रायपुर की सेंट्रल जेल से सौम्या चौरसिया रिहा हो गई थी. इसमें निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर बिश्नोई भी शामिल थे. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की डबल बेंच ने जमानत याचिका पर सुनवाई की थी. जस्टिस सूर्यकांत ने सभी आरोपियों को गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगाई थी.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला
शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रही है. शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने EOW और ACB में FIR दर्ज कराई है. जिसमें 3200 करोड़ से ज्यादा की घोटाले की बात कही गई है. प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अनिल टुटेजा आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया. इस घोटाले में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी कारोबारी सहित कई लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज है.





