
बालोद: जिले महीने पहले हुए एक रहस्यमयी घटना ने सभी को भयभीत कर दिया है। घटना रहस्यमयी इसलिए है कि अब तक इसका पता नहीं चल पाया है। बता दे की हरेली त्यौहार के दिन बालोद जिले के एक गाँव कसहीकला में अचानक ज़मीन में गढ्ढा हो गया। गढ्ढा में अचानक पानी के हिलोरे उठने लगी जिससे पूरे गाँव में भय और उत्सुकता का माहौल व्याप्त हो गया। बता दे कि कसहीकला गांव के किसान हिंगलाज देवांगन के खेत में अचानक करीब 25 फीट गहरा और 10 फीट चौड़ा गड्ढा हो गया. जिसके बाद गांव में हलचल मच गई. आनन फानन में उस जगह को जनप्रतिनिधि द्वारा सील कर प्रशासन को जानकारी दी गई। गांव के लोगों को जब इसकी जानकारी लगी तो लोग इस गहरे गड्ढे को देखने पहुंचने लगे. बताया जा रहा है कि यह गड्ढा लगातार बढ़ रहा था। . इसके चलते लोगों में डर भी है. साथ ही ये कैसे और क्यों हुआ इसका अंदाजा भी गांव वाले नहीं लगा पा रहे हैं. बरसात के चलती गड्ढे की चौड़ाई और गहराई बढ़ रहा था।

गड्ढे के आसपास के क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस जानकरी मिलते ही मौके पर पहुंचकर जानकारी एकत्र की। जानकारी में बात निकल कर सामने आई की वहां पर पहले कभी कोई कुंआ या खनन का कार्य नहीं हुआ है। कुछ लोगों ने इसे दैविक चमत्कार मानकर उस जगह पर पूजा अर्चना भी करने लगे। इस घटना को एक महीने होने को अब तक इस कारन का पता नहीं चल पाया है और ना ही प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। अब उस प्रतिबंधित जगह पर कोई निशान या घेरा नहीं है और ना ही गढ्ढे के आकर या गहराई में वृद्धि हो रही है।
RK NEWS24 की टीम एक बार उस जगह पर जाकर ग्रामीणों से बात की तो पता चला की एक बार ही स्थानीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि आये है उसके बाद से अब तक कोई जांच के लिए टीम नहीं आई। लोगों में अभी भी दहशत का माहौल है. जमीन मालिक और ग्रामीणों का कहना है कि शासन प्रशासन इसे गंभीरता से ले और इसका कारण क्या है इसका पता लगाए. फिलहाल ये क्या कोई प्राकृतिक आपदा है या बरसात के चलते खेत में गड्ढा होने की आम घटना? यह जांच टीम ही बता पाएगी. वही इस विषय में भू वैज्ञानिकों मानना है कि सिंकहोल या जल अपक्षय की घटना इसका कारण हो सकता है।

आइये जानते है क्या होता सिंकहोल
सिंकहोल का हिंदी अर्थ भू-धंसाव या सिंकहोल ही है, जो जमीन में बना एक गड्ढा या छेद होता है, जब जमीन के नीचे की परत कमजोर हो जाती है या ढह जाती है. ये तब बनते हैं जब भूमिगत गुफाओं या खोखली जगहों की छतें, या तो पानी के कटाव से या ऊपरी मिट्टी के भार से ढह जाती हैं, जिससे जमीन की ऊपरी परत धंस जाती है. वही जल अपक्षय के कारण भी ऐसी घटना होती है।
