
- घटना स्थल पर लगे सीसी टीवी फुटेज को भी किया गया नजर अंदाज…..
- पीड़ित ने लगाई आईजी और एसपी से न्याय की गुहार
बिलासपुर : वैसे तो पुलिस को जनता के रक्षक के रूप में जाना जाता है। जब कोई व्यक्ति जुल्म का शिकार होता है तब वह कानून के शरण में जाता है। कानून की रक्षा करने और पीड़ित को न्याय दिलाने में पुलिस प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पुलिस जनता को न केवल न्याय दिलाने में मदद करती है बल्कि अमन चैन की शांति भी बरकरार रखती है लेकिन जब कानून का रक्षक ही भक्षक बनकर कानून तोड़ने वालों का साथ देने लगे तब भोली भाली जनता की मदद भला कौन करेगा ? यह सवाल तो उठेगा ही।
ऐसा ही एक मामला निकलकर आया है बिलासपुर शहर के तेलीपारा से जहां पर बीते कुछ दिन पहले कुछ लोगों के द्वारा एक व्यक्ति को सरेराह बेदर्दी से पीटा जाता है फिर अपने रिश्तेदार जो कि पेशे से पुलिस कर्मी है उसका सहारा लेकर मार खाने वाले व्यक्ति के खिलाफ ही झूठा केस दर्ज कर दिया जाता है और आश्चर्य की बात यह कि पीड़ित द्वारा FIR दर्ज कराने और घटना स्थल पर लगे सीसी टीवी फुटेज बतौर सबूत देने के बाद भी पुलिस जांच करने के बजाय पीड़ित के खिलाफ केस दर्ज करती है और मारने वाले व्यक्तियों के साथ केस दर्ज कराने स्वयं रिश्तेदार पुलिस कर्मचारी ही पहुंचते है। मामला मस्तूरी थाना अंतर्गत मल्हार पुलिस चौकी प्रभारी अवधेश सिंह के रिश्तेदारों से जुड़ा है। उनके द्वारा न केवल आरोपियों का साथ दिया गया बल्कि अपने पद के रूआब पर आरोपियों को सिविल लाइन ले जाकर दोबारा उस केस पर FIR दर्ज कराया गया जो पहले से ही सिटी कोतवाली थाने में दर्ज किया जा चुका है। जिस घटना के नाम पर तीन दिन पहले केस दर्ज किया जा चुका था उसी घटना को फिर से घटना स्थल का नाम बदलकर सिविल लाइन थाने में केस दर्ज कराया जाना अत्यंत सोचनीय विषय है। इस प्रकार एक पुलिस कर्मी द्वारा पूर्व में दर्ज केस को दूसरे थाने में स्थान बदलकर केस दर्ज करवाने की घटना ने पुलिस प्रशासन के जवाबदेही पर प्रश्न वाचक चिन्ह लगा दिया है। पीड़ित ने अपने ऊपर हुए अत्याचार और एक पुलिस कर्मी द्वारा परिवारवाद को बढ़ावा देकर उसके ऊपर कराए गए झूठे FIR की शिकायत पुलिस महानिर्देशक और पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह से करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
क्या है मामला…….
सिटी कोतवाली थाना के अंतर्गत तेलीपारा निवासी बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर आशुतोष केशवानी पिता वीरेंद्र केशवानी उम्र 36 साल 26 अक्टूबर की रात बस स्टैंड होते हुए अपने साथी अंकुश तिवारी के साथ दवाई लेकर अपने घर तेलीपारा जा रहे थे इसी बीच वृन्दावन परिसर के पास उनके मोटर साइकल को सरजू बगीचा निवासी शिवम् सिंह, सन्नी श्रीवास और देव यादव ने कट मारते हुए क्रॉस किया, इस पर आशुतोष केशवानी ने ठीक से बाइक चलाने हेतु कहा तब तीनों आरोपियों ने पहले तो गाली गलौज कर धमकी दिया फिर हाथ मुक्का लाठी से उस पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। बीच बचाव करने आए अंकुश तिवारी को भी पीटा और मारकर पीट कर मौका ए वारदात से फरार हो गए। इधर उक्त घटना पास में ही लगे सीसी टीवी कैमरे में कैद हो गया। आरोपियों के द्वारा प्राणघातक हमला किए जाने से आशुतोष केशवानी गंभीर रूप से घायल हो गए, इस वारदात में उनके सिर, पेट, दाहिने पैर और पीठ पर चोट आई। उक्त घटना की जानकारी जब आशुतोष केशवानी के परिवार वालों को मिली तब उन्होंने दूसरे दिन 27 अक्टूबर को सिटी कोतवाली थाना पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज किया और साक्ष्य के रूप में घटना स्थल पर लगे सीसी टीवी फुटेज भी पुलिस को सौंपा जिसके आधार पर पुलिस ने सरजू बगीचा निवासी शिवम् सिंह, सन्नी श्रीवास और देव यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कर लिया।
घटना के 4 दिन बाद आरोपी शिवम् सिंह ने अपने पुलिस चाचा के सहारे पीड़ित के खिलाफ दर्ज कराया झूठा केस…….
पीड़ित आशुतोष केशवानी ने Rk news 24 के समक्ष बताया कि घटना के 4 दिन बाद आरोपी शिवम् सिंह ने अपने पुलिस रिश्तेदार अवधेश सिंह जो कि रिश्ते में चाचा है और मल्हार पुलिस चौकी प्रभारी है का सहारा लेकर उनके खिलाफ न सिर्फ झूठा FRI दर्ज कराया बल्कि घटना स्थल को भी बदल दिया। घटना तेलीपारा वृन्दावन परिसर का है जहां लगे सीसी टीवी फुटेज भी सिटी कोतवाली पुलिस को सौंपा गया है जबकि सिविल लाइन थाने में घटना स्थल को बदलकर उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज किया गया है।

आखिर बिलासपुर में पुलिसिंग का कौन सा सिस्टम……
आशुतोष के कथन अनुसार पहले आरोपियों द्वारा उसे पीटा जाता है जिसकी शिकायत करने व साक्ष्य के तौर पर सीसी टीवी फुटेज देने पर भी आरोपियों के ऊपर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है और न ही मामले को गंभीरता से संज्ञान में लिया जाता है। इसके साथ ही बैगर जांच किए आरोपियों के रिश्तेदार मल्हार चौकी प्रभारी अवधेश सिंह के कहने पर उल्टा उसके ऊपर झूठा FIR दर्ज कर दिया जाता है। उपरोक्त इन सब बातों से प्रश्न यह उठता है कि आखिर बिलासपुर में पुलिसिंग का कौन सा सिस्टम चल रहा है? जिससे अपराधियों का हौसला बुलंदी पर है।

पीड़ित ने लगाई पुलिस महाअधीक्षक और पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार……..
पीड़ित आशुतोष केशवानी ने इस घटना की लिखित शिकायत पुलिस महानिर्देशक एवं पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के कार्यालय में जाकर की है और उनसे न्याय हेतु गुहार भी लगाया है। अन्याय के खिलाफ बिलासपुर पुलिस प्रशासन क्या कार्यवाही करती है? साथ ही पीड़ित को कब तक न्याय दिलाती है? फिलहाल यह आगे पता चलेगा।






