
गुंडरदेही: बालोद जिला गुण्डरदेही ब्लॉक के ग्राम हल्दी से लगा हुआ मटिया गाँव है, जहाँ सरकारी बंगला अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। बताया जाता है की करीब 100 साल पहले अंग्रेज ज़माने में इस बंगले का निर्माण कराया गया था। रखरखाव और बजट के आभाव में यह खंडहर में तब्दील हो गया। ग्राम मटिया में निरीक्षक गृह स्थापित है. आदमाबाद तांदुला जलाशय नहर नाली मटिया बांगला से किसानों के लिए खेतों में पानी व भिलाई स्टील प्लांट पानी की सप्लाई की जाती है जिससे लाखों रुपए की सिंचाई कर किसानों से शासन को मिलता है. अंग्रेज जमाने से बने नहर पर सूचना पोर्टल था गिर चुका एवं निरीक्षक गृह जर्जर स्थिति में है जो 100 साल से ऊपर बने पुराने बिल्डिंग है व आज की स्थिति में बैठने लायक नहीं है. पहले यहाँ कर्मचारी 10 से ऊपर थे आज सिर्फ तीन कर्मचारी वर्तमान में है.

इस सरकारी बंगले के पास मूलभूत सुविधाएँ भी नहीं है। पेयजल के लिए सिर्फ हैंडपंप है पीने लायक नहीं पीछे हिस्सा में बांध बना हुआ है जिससे मछली पालन के लिए लीज में दिया जाता है. वह कुछ किसानों को पानी दिया जाता है कर्मचारियों को पूछने पर बताया यहां सुविधा के नाम से कुछ भी नहीं। मटिया बांगला के नाम से मशहूर स्थान आज लुप्त हो जा रहा है.

एक समय था जब इस जगह पर दूर से लोगों का आना जाना लगा रहता था. आज पर्यटक के रूप में विकसित होने लायक पर्याप्त जगह है. छायादार वृक्ष की कमी नहीं सिर्फ दृश्य को मनोरम बनाने के लिए फंड की आवश्यकता है.आसपास के 22 गांव के किसान इस पर आश्रित है जहां बारिश के फसल इस जलाशय से उत्पादन करते हैं. इस मामले में संबंधित विभाग से जानकारी लेने पर बताया गया कि बजट में सम्मिलित करने प्रस्ताव भेजा गया है स्वीकृति होने पर नया भवन मिलेगा।








