
Lack of doctors in the hospital: धमतरी। पांच जिलों के मरीजों की लाइफलाइन माने जाने वाला धमतरी जिला अस्पताल पिछले दो सालों से डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है। सबसे बुरी स्थिति ईएनटी और स्किन विभाग की है। ईएनटी के डॉक्टर की बर्खास्तगी के बाद विभाग पूरी तरह खाली है, वहीं स्किन विभाग में भी एक भी डॉक्टर नहीं है। नतीजतन मरीजों को मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों की कमी दूर करने का किया था आश्वासन
करीब एक साल पहले स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने अस्पताल का निरीक्षण कर डॉक्टरों की कमी दूर करने का आश्वासन दिया था, लेकिन तब से स्थिति और बिगड़ गई है। धमतरी जिला अस्पताल में स्वीकृत 18 विशेषज्ञ पदों में से केवल 6 पर ही डॉक्टर कार्यरत हैं, जबकि 12 पद खाली हैं। डॉक्टरों की कमी का असर ओपीडी पर भी दिख रहा है। जहां पहले हर महीने 18-19 हजार मरीज आते थे, वहीं जून में सिर्फ 14,694 मरीज ही पहुंचे।
पिछले पांच सालों में अस्पताल में कीमोथैरेपी सेंटर, डायलिसिस सेंटर, हमर लैब और आईसीयू जैसी सुविधाएं शुरू की गई हैं। लेकिन स्टाफ की नियुक्ति नहीं होने से मौजूदा डॉक्टरों पर काम का बोझ कई गुना बढ़ गया है।
रिक्त पद –
सर्जिकल विशेषज्ञ – 2
शिशु रोग विशेषज्ञ – 2
स्त्री रोग विशेषज्ञ – 1
निश्चेतना विशेषज्ञ – 1
ईएनटी विशेषज्ञ – 1
हड्डी रोग विशेषज्ञ – 1
मनोरोग विशेषज्ञ – 2