मासूम को जिंदा जलाने वाले आशिक को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, एकतरफ़ा प्रेम में 2 साल पहले वारदात को दिया था अंजाम

रायपुर: राजधानी रायपुर से बच्चे की किडनैपिंग और फिर हत्या के आरोपी को कोर्ट ने आज फांसी की सजा सुनाई है। जिला अदालत में सुनवाई के दौरान दोषी पाए जाने पर सप्तम सत्र न्यायाधीश ने मामले में आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। दो साल पहले आरोपी ने पड़ोस में रहने वाली एक महिला से एकतरफा प्यार के चलते वारदात को अंजाम दिया था और फरार हो गया था। मामला उरला थाना क्षेत्र का है।

आरोपी का नाम पंचराम है। उरला में रहने वाले 4 साल के हर्ष का 5 अप्रैल साल 2022 को किडनैप हुआ था। बच्चे के माता-पिता ने बताया कि 5 अप्रैल की रात लगभग 8 बजे उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि पड़ोसी पंचराम 5 अप्रैल की सुबह 10 बजे दोनों बेटों, 6 साल के दिव्यांश और 4 साल के हर्ष चेतन को घुमाने के नाम पर अपनी बाइक में ले गया। लगभग आधे घंटे बाद बड़े बेटे दिव्यांश को पंचराम ने घर लाकर छोड़ दिया और हर्ष चेतन लेकर चला गया. उरला पुलिस को शिकायत मिलने के बाद पंचराम की खोजबीन शुरू की गई। आस-पास के CCTV फुटेज खंगाले गए और सघन पूछताछ शुरू की गई। तब जानकारी मिली कि पंचराम ने उसी दिन दोपहर में अपनी बाइक 15 हजार में दुर्ग में बेच दी है। वहीं इसी बीच पुलिस की साइबर टीम से पंचराम का लोकेशन महाराष्ट्र में मिला, इसके बाद तत्काल एंटी क्राइम और साइबर यूनिट के साथ थाना उरला की टीम महाराष्ट्र रवाना हो गई।

टीम ने 7 अप्रैल 2022 की रात को नागपुर के पास पंचराम को ट्रेस कर हिरासत में लिया। पूछताछ में पंचराम ने इस बात को कबूला है कि वह बेमेतरा के एक गांव में बच्चे को अपने साथ लेकर गया और वहां मिट्टी तेल डालकर आग लगा दी। उसने बताया कि वह बच्चे की मां से प्यार करता था, इसलिए उसने बच्चे की हत्या की है। अतिरिक्त लोक अभियोजक रायपुर परेश्वर बाघ ने पुष्टि करते हुए बताया की उरला क्षेत्र के अपराध क्र: 140/22 के मामले में आरोपी पंचराम ने पड़ोस के बच्चे उम्र चार वर्ष को चॉकलेट खिलाने का बहाने बेमेतरा के एक शमशान घाट में जिंदा जलाकर मार डाला था। इस प्रकरण पर आरोपी को आज कोर्ट से अपहरण पर पाँच वर्ष की सजा और हत्या की धारा 302 में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है।

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