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चुप्पी तोड़ो, बाल यौन शोषण रोको महिला एवं बाल विकास द्वारा बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान

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स्कूल, आश्रमों एवं पोटाकेबिनो के छात्र-छात्राओं वां स्कूल के शिक्षको को बच्चे को बाल अधिकार और संरक्षण तंत्र की जानकारी दिया जा रहा

बीजापुरर@रामचन्द्रम एरोला – जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान अंतर्गत बाल संरक्षण तंत्र के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिले के स्कूलों, आश्रमों एवं पोटाकेबिनो के छात्र-छात्राओं को स्कूल के शिक्षको एवं बच्चे को बाल अधिकार और संरक्षण तंत्र की जानकारी दिया जा रहा है, जिसमें किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, किशोर न्याय बोर्ड व बालक कल्याण समिति की भूमिका, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान का उद्देश्य, किशोर-किशोरी सशक्तिकरण अंतर्गत बाल विवाह के दुष्प्रभाव बाल विवाह के रोकथाम के उपाय, किशोरियों के पोषण एवं स्वच्छता से संबंधित मुद्दे एवं समाधान, बच्चों के अनैतिक व्यापार अधिनियम, ग्राम पंचायत स्तर पर संधारित पलायन पंजी, ग्राम पंचायत स्तर पर शाला त्यागी बालक बालिकाओं को स्कूल से जोडे़ जाने पर एवं गोद लेने की वैधानिक प्रक्रिया, दत्तक ग्रहण नियम 2017, बाल श्रम अधिनियम पर चर्चा कर जानकारी दिया गया, बच्चों से गुड टच बैड टच की जानकारी दिया गया और बच्चों स इस संबंध में चर्चा भी किया गया कि गुड टच क्या होता है और बैड टच क्या होता है कभी भी ऐसी घटना होने पर हमका सबसे पहले हमको किसको बताना चाहिए जिस पर सबसे ज्यादा भरोसा व विश्वास हो, ऐसी घटना होने से हमको चाईल्ड हेल्पलाईन 1098 में भी कॉल कर सूचित किया जा सकता है। साथ ही स्कूल के शिक्षको से आग्रह किया गया है कि ऐसे सभी बच्चें जो कि नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे है, लंबे समय से नही आ रहे है, उनका नियमित रूप से निगरानी किया जाना है, और पालक को इसकी सूचना दिया जाना है स्कूल से कोई भी बच्चा शाला त्यागी न हो इस संबंध में ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाली ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक पर चर्चा कर ग्राम पंचायत को बाल सुलभ पंचायत बनाने का प्रयास किया जा सके। जिसमें सभी बालक बालिकाओं को स्कूल से जोडा जा सके और ग्राम पंचायत का वातावरण ऐसा हो जो कि हिंसामुक्त वातावरण हो। उक्त संवेदीकरण कार्यक्रम में शीला भारद्वाज महिला संरक्षण अधिकारी, राहुल कौशिक जिला बाल संरक्षण अधिकारी लेखिका साहू जिला समन्वयक यूनीसेंफ से उपस्थित थे।

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